अपने ही मेरे, मेरे लिए, लगे खाई खोदने उनकी पहुंच से ऊंची, उड़ान कर ली मैंने। अपने ही मेरे, मेरे लिए, लगे खाई खोदने उनकी पहुंच से ऊंची, उड़ान कर ली मैंने।
हर सांस में गिनती राम की हो तब साथ मिले रघुराम कहे। हर सांस में गिनती राम की हो तब साथ मिले रघुराम कहे।
कोई नहीं है अपनी, अपनों की हाय में लूट गयी हूँ। कोई नहीं है अपनी, अपनों की हाय में लूट गयी हूँ।
कहीं रोकने के चक्कर में हम गुजर गये कहीं रोकने के चक्कर में हम गुजर गये
उसकी याददाश्त बड़ी कमजोर होती है। उसकी याददाश्त बड़ी कमजोर होती है।
कभी तो मुनासिब मेरा हिसाब करके चल। कभी तो मुनासिब मेरा हिसाब करके चल।